जालंधर। राखी भाई बहनों के स्नेह का ऐसा त्योहार है जिसके लिए लोग पूरे साल इंतजार करते है। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बंधकर अपने आशीर्वचनों के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु से प्रार्थना करती हैं कि उनके भाई की उम्र लंबी हो और उन्हें जीवन की हर खुशी मिले। जबकि भाई अपने बहन को उपहार में धन और वस्त्राभूषण देकर यह कामाना करते हैं कि देवी लक्ष्मी के समान उनकी बहन का घर आबाद रहे और अगर कभी बहन पर संकट आए तो बहन की रक्षा का सामर्थ्य भगवान उन्हें प्रदान करें।
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इसलिए राखी के पवित्र त्योहार के अवसर पर शुभ मुहूर्त का बड़ा ही महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र मंत्रों और मंगल कामना के साथ बांधा जाए तो यह कवच के समान रिश्तों की रक्षा करता है। इस साल 3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन उत्तर भारत में सवान का अंतिम सोमवार भी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भगवान शिवको भी राखी अर्पित करना शुभ फलदायी रहेगा। भगवान शिव को सूर्योदय से सूर्यास्त तक राखी भेंट कर सकते हैं लेकिन भाई-बहन राखी का त्योहार मनाने के लिए मुहूर्त का खास ध्यान रखें।
राखी समय मुहूर्त, भद्रा काल
- ज्योतिर्विद पंडित रामानुज शास्त्री के मुताबिक, रक्षाबंधन पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है, जो भाई-बहन को लंबी उम्र देगा. बताए गए शुभ मुहूर्त पर राखी बांधने से भाई-बहन का भाग्योदय होगा।
- रक्षाबंधन पर सुबह 7 बजकर 19 मिनट से चंद्रमा का नक्षत्र श्रवण हो जाएगा. इसी वजह से इसी श्रावणी भी कहा गया है. सुबह 7.19 से लेकर अगले दिन 5.44 मिनट तक सर्वात्र सिद्धिकी योग भी है।
- रक्षाबंधन पर एक मुहूर्त ऐसा भी है जो ना सिर्फ भाई-बहन को लंबी उम्र देगा, बल्कि उनके भाग्य को भी मजबूत बनाएगा. राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
- शाम के वक्त जो राखी बांधना चाहते हैं, उनके लिए सर्वश्रेष्ठ समय शाम 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इस समय रक्षाबंधन मनाना भाई और बहन दोनों के लिए फलदायी रहेगा।
4 अशुभ पहर भी
इस बीच 4 अशुभ पहर भी रहेंगे जब आपको राखी बांधने से परहेज करना होगा. सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें राखी बांधना निषिद्ध माना जाता है. इसके बाद, सुबह 7 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 05 मिनट के बीच दूसरी अशुभ घड़ी होगी, जिस दौरान राखी ना बांधें. इस दौरान राहु काल रहेगा।
तीसरी अशुभ घड़ी 11 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक रहेगी, जब भाई को राखी बांधने से बचना होगा. इसके बाद 02 बजकर 08 मिनट से लेकर 03 बजकर 50 मिनट तक गुलिक काल रहेगा, जिसमें राखी नहीं बांधनी चाहिए।
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