डेली संवाद, चंडीगढ़
आज के डिजिटल युग में साईबर ख़तरे का सामना कर रहे समाज की सुविधा के लिए मुख्य सचिव, पंजाब विनी महाजन द्वारा आज अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस, जो हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है के मौके पर राज्य में तीन महीने चलने वाली ‘साईबर सुरक्षा’ मुहिम की शुरुआत की गई। यह मुहिम प्रांतीय सरकार द्वारा पुरस्कार विजेता सिविल सोसायटी संस्था और साईबर सुरक्षा और नीति माहिरों के एक समूह साईबरपीस फाउंडेशन (सीपीएफ) के सहयोग के साथ साझे तौर पर चलाई गई है।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता की मौजूदगी में इस मुहिम का आग़ाज़ करते हुए मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि एन.सी.आर.बी. के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 28,000 से अधिक साईबर अपराध दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि सिर्फ डिजिटल जानकारी की कमी के कारण अपने बैंक खातों में से मेहनत से कमाए गए पैसे गवाने के जोखि़म सम्बन्धी आम लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसी जागरूकता मुहिम की बहुत ज़रूरत है।
ऑनलाइन जालसाजिय़ों से सुरक्षा
उन्होंने कहा कि यह मुहिम औरतों और बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हुए निजीता को यकीनी बनाने के तरीकों और साधनों संबंधी जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ ऑनलाइन जालसाजिय़ों से सुरक्षित रहने के तरीकों और ज़रूरत पडऩे पर सहायता के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों तक पहुँच करने संबंधी भी जानकारी प्रदान करेगी। विनी महाजन ने पंजाब पुलिस और साईबरपीस फाऊंडेशन को लोगों के कल्याण के लिए इस साझे प्रयास के लिए बधाई दी।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने भी बढ़ रहे साईबर अपराधों पर चिंता ज़ाहिर की और बच्चों एवं बुज़ुर्गों को इस तरह के अपराधों संबंधी जागरूक करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिससे वह अपने आप को ऑनलाइन ख़तरों से बचा सकें। डीजीपी ने बताया कि स्टेट साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन साईबर क्राइम के अहम मामलों की जांच कर रहा है। इसके अलावा पंजाब के सभी जि़लों में साईबर क्राइम यूनिट स्थापित किए गए हैं और इन ईकाइयों के मुलाजि़मों को साईबर क्राइम केस दर्ज करने और इनकी जांच के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
साईबर सुरक्षा संबंधी जागरूक
डी.जी.पी. ने बताया कि पंजाब पुलिस और सी.पी.एफ. द्वारा चलाई जा रही इस मुहिम का उद्देश्य पंजाब निवासियों ख़ास तौर पर बच्चों, औरतों और बुज़ुर्गों को साईबर सुरक्षा संबंधी जागरूक करना और उनको साईबर क्राइम संबंधी और सतर्क करना है। उन्होंने आगे कहा कि यह मुहिम ऑनलाइन/साईबर सुरक्षा के सभी प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित होगी और अलग-अलग उम्र वर्ग के लोगों को जागरूक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, वैबीनार, रेडियो मुहिम के अलावा अन्य गतिविधियां करवाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि इस मुहिम में साईबर सुरक्षा सम्बन्धी काम करन वाले पुलिस मुलाजि़मों के लिए प्रशिक्षण मोड्यूल भी शामिल होंगे। यह मुहिम ख़ास तौर पर बाल अश्लीलता, ऑनलाइन स्टॉकिंग और साईबर ग्रूमिंग अपराधों पर केंद्रित होगी। इन अपराधों का औरतों और बच्चों को रोज़ाना सामना करना पड़ता है और उनको मानसिक और शारीरिक परेशानी में से गुजऱना पड़ता है।