डेली संवाद, नई दिल्ली। Curtains or blinds: जब भी बात विंडो डेकोरेशन यानी खिड़कियों की सजावट की आती है, तो ज्यादातर लोग ब्लाइंड्स और परदे को लेकर कनफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सा ऑप्शन बेस्ट लगेगा और जरूरतों को भी पूरा करेगा। वैसे आपको बता दें दोनों के ही अपने-अपने फायदे हैं। हां, इनके डिज़ाइन्स और कलर्स के चलते खूबसूरती में थोड़ा- बहुत फर्क आ सकता है लेकिन जिस जरूरत के चलते आप इन्हें लगाते हैं, उसे पूरा करने में ये दोनों ही ऑप्शन्स अपने-अपने तरीके से परफेक्ट हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
ब्लाइंड्स Vs पर्दे
ब्लाइंड्स और परदे, सिर्फ आपकी खिड़कियों पर टंगे ही नहीं होते, बल्कि आपके कमरे के माहौल और खूबसूरती में बिल्कुल अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। परदे, घर के इंटीरियर में एक मखमली टच देते हैं। वे आपके कमरे को खूबसूरत बनाते हुए, उनमें रंग, टेक्सचर और पैटर्न की छटा बिखेरते हैं। आपके कमरे की सजावट को पूरा करने का काम करते हैं। हवा के हल्के झोंकों से लहराते परदे, रोमांस का माहौल बनाते हैं।
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वहीं, दूसरी तरफ ब्लाइंड्स लगाने का पर्पज इससे थोड़ा अलग होता है। ये कमरे की आने वाली तेज रोशनी को कंट्रोल करने और प्राइवेसी बरकरार रखने का काम करते हैं। अपने एडजस्टेबल पैनल के साथ, ब्लाइंड्स नैचुरल लाइट्स को अपने मन-मुताबिक नियंत्रित करने की सहूलियत देते हैं। इससे आपके कमरे में रोशनी छनकर आती है।
इस तरह का सटीक नियंत्रण आपको अपने मूड और जरूरत के अनुसार माहौल तैयार करने की सुविधा देता है। इसके अलावा, ब्लाइंड्स उन लोगों के लिए तो बहुत ही सही ऑप्शन है, जिन्हें मॉर्डन, सुव्यवस्थित डेकोर पसंद है। कंटेम्पररी इंटीरियर्स के साथ ब्लाइंड्स काफी अच्छा मेल खाता है।
खूबसूरती का अहसास: विजुअल इम्पैक्ट
परदे और ब्लाइंड्स के बीच चुनाव, सिर्फ उपयोगिता से जुड़ा नहीं होता, बल्कि इसमें आपके कमरे की खूबसूरती की कहानी भी शामिल होती है। खिड़कियों पर टंगे लाइट या ब्राइट कलर्स के खूबसूरत डिज़ाइन्स वाले पर्दे बिना ज्यादा मेहनत के घर के इंटीरियर में चार चांद लगा सकते हैं।
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दूसरी ओर, ब्लाइंड्स काफी सिंपल होते हैं, इस वजह से इन्हें चुनने से पहले दीवारों, सोफे के रंग आदि पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं करना पड़ता। ये ज्यादातर स्टाइल्स के साथ मैच कर जाते हैं।
कौन सा ऑप्शन है बेस्ट?
- अगर आप खिड़कियों के लिए पर्दे या ब्लाइंड्स के बीच क्या चुनें इसे लेकर दुविधा में हैं, तो यहां दिए गए कुछ सुझाव कर सकते हैं आपकी मदद।
- अपने कमरे के आकार और अनुपात को ध्यान में रखते हुए सही ऑप्शन का चुनाव करें।
- एक बड़े कमरे या जगह में पर्दे वॉल्यूम लेकर आते हैं, वहीं छोटे कमरों में ब्लाइंड्स के स्लीक शेप से फायदा मिल सकता है।
- पैटर्न, रंगों और टेक्सचर का चुनाव करें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कहीं कुछ ज्यादा न हो जाए। एक बैलेंस बनाकर चलें। जिससे आपके कमरे की सजावट में निखार आए, न कि इंटीरियर ओवर लगे।
लाइट और प्राइवेसी का बैलेंस
अगर आप कमरे को ऐसा रखना चाहते हैं, जहां रोशनी भी आए और प्राइवेसी भी बनी रहे, तो वहां पर्दे बेस्ट ऑप्शन हैं। लिविंग रूम में पर्दे से छनकर आती हल्की धूप एक अलग ही माहौल तैयार करती हैं और घर में हल्की-फुल्की रोशनी आना जरूरी है।
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वहीं, बाथरूम और किचन जैसी जगहों के बारे में सोचें, जहां प्राइवेसी और रोशनी का कंट्रोल होना बेहद जरूरी है। ऐसे में इन जगहों के लिए ब्लाइंड्स बेस्ट होते हैं। इससे सुकून और उपयोगिता का एक माहौल तैयार होता है।
संक्षेप में
‘ब्लाइंड्स बनाम परदे’ के इस चुनाव में, आखिरी फैसला आपके अपने स्टाइल और कमरे की जरूरतों पर निर्भर करता है। चाहे आप पर्दे की खूबसूरती की तरफ झुकें या फिर ब्लाइंड्स की उपयोगिता पर, आपकी पसंद में आपके कमरे का लुक शामिल होना चाहिए।