डेली संवाद, जालंधर। IKGPTU: आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा.एस.के.मिश्रा एवं टीम के अविष्कार को भारत सरकार ने पेटेंट किया है। यह अविष्कार कोविड-19 के दौरान साल 2020 में किया गया था। उस समय डा.मिश्रा डा.बी.आर.अम्बेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एन.आई.टी) जालंधर में बतौर रजिस्ट्रार सेवाएं निभा रहे थे।
इस प्रोजेक्ट में उनके साथ तत्कालीन डायरेक्टर एन.आई.टी डा.ललित अवस्थी एवं एन.आई.टी के डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर डा. शैलेन्द्र बाजपाई की भरपूर भागीदारी रही थी। यह पेटेंट तीनों के नाम सांझे तौर पर पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार द्वारा पेटेंट संख्या 466500 के तहत रजिस्टरड किया गया है। इस अविष्कार का विषय “व्हील सेनेटाइजेशन सिस्टम फॉर लाइट वेट व्हीकल्स” था। यह गाड़ियों के टायर सेनेटाइज करने हेतु एक लो कॉस्ट प्रोजेक्ट है।
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आई.के.जी पी.टी.यू के कुलपति डा.सुशील मित्तल एवं एन.आई.टी के डायरेक्टर प्रो बिनोद कुमार कनौजिया ने इस उपलब्धि के लिए डा.मिश्रा एवं टीम को पेटेंट सर्टिफिकेट की प्रति भेंट कर सम्मानित किया। दोनों की तरफ से डा.मिश्रा एवं उनकी टीम को बधाई दी गयी है एवं भविष्य में और मिसाली काम करने को प्रेरित किया है। पेटेंट के बारे में डा.मिश्रा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान एक संभावना रहती थी, डर था, कि सड़क या पटरियों पर गिरने वाला वायरस कहीं गाड़ियों के टायर के साथ कैम्पस तक ना पहुँच जाए।
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परिसर में प्रवेश करने वाली कारों के पहियों के जरिए वायरस कैंपस में प्रवेश कर सकता था। दूषित सड़कें उस पर चलने वाले व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकती थीं। परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को कार व्हील सैनिटाइजेशन सिस्टम के माध्यम से सैनिटाइज करना महत्वपूर्ण हो गया था, जरूरत भी अहम थी। इसलिए उनकी टीम ने इस विषय पर काम किया।
इस प्रोजेक्ट के तहत पूरी प्रक्रिया में लकड़ी का एक घेरा होता है जिसके माध्यम से कार को चलाया जाता है। सिस्टम का गीला पैड, जिसमें 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल होता है, उन पहियों को कीटाणुरहित/वायरस रहित कर देता है। इसे एक अगस्त 2020 को पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था। उन्होंने बताया कि भविष्य में यह अविष्कार गाडिओं के टायर्स को कम खर्च पर कीटाणु रहित/वायरस रहित करने में सफल भूमिका निभाएगा।