Smartphone Addiction In Children: अगर आपका बच्चा भी है फोन का एडिक्टेड तो इन टिप्‍स से छुड़वाएं बच्चे की आदत

Mansi Jaiswal
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Smartphone Addiction In Children: आज के समय में मोबाइल (Mobile) फोन भी इंसान के लिए इतना जरूरी हो गया है कि वह खाना भूल सकता है लेकिन मोबाइल फोन नहीं। इंसान मोबाइल फोन का आदी होता जा रहा है।

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इस मोबाइल फोन के जंजाल में हर कोई फंसता चला जा रहा है। बच्चे से लेकर बूढ़ा आज के समय में इसका शिकार होता जा रहा है। आजकल पेरेंट्स अपने रोते हुए छोटे बच्चों को चुप करवाने के लिए हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा देती है।

Smartphone Addiction In Children

ये मोबाइल फोन बच्चे की कब आदत बन जाती है कि इसका पता ही नहीं चलता है। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चे मोबाइल फोन, इंटरनेट, सोशल मीडिया और रील्‍स के इतने आदी हो जाते हैं और फिर इस आदत को दूर करना माता-पिता के लिए बड़ा चैलेंज बन गया है।

बच्चों का शारारिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता

यह चीज उनके शरीर के साथ ही उनके दिमागी विकास को जबर्दस्‍त तरीके से खराब कर रही है। इसके कारण बच्चों का अच्छे से शारारिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इससे कई तरह की बीमारियां होने का भी डर रहा है इसके साथ ही इससे बच्चों का कोमल मस्तिक बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।

वहीं अगर आप भी बच्चों की मोबाइल फोन छुड़ाने की कोशिश कर-कर के थक गए हैं, तो परेशान न हों, बच्‍चों के डॉक्‍टर के बताए ये 5 उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:-

थोड़े से हों सख्‍त, बदल दें ये रूटीन

पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम का एक निश्चित रूटीन तय कर दें। उन्‍हें साफ-साफ बता दें कि दिन में सिर्फ एक घंटे का स्क्रीन टाइम निश्चित है, फिर चाहे वह टीवी देखें, फोन या टैबलेट। पेरेंट्स थोड़े से सख्‍त हो जाएं और बच्‍चों से इस नियम का पालन कराएं।

बच्‍चों के लिए ढूंढ दें कोई फेवरेट एक्टिविटी

मोबाइल फोन से दूर हटाने का बेस्‍ट तरीका है कि बच्चों को खेलकूद, किताबें पढ़ने या क्रिएटिव एक्टिविटीज में शामिल करें। पेरेंट्स उन्‍हें बाहर पार्क आदि में खेलने भेज सकते हैं, साइकिल चलवा सकते हैं। किसी हॉबी क्लास जैसे डांस, स्‍व‍िमिंग, आउटडोर गेम्‍स या अन्‍य एक्टिविटी में नाम लिखवा सकते हैं।

खुद से दूर कर दें फोन

जब भी माता-पिता बच्चों के साथ हों तो खुद से फोन को दूर रख दें। उनसे बात करें, उनके साथ खेलें, उनसे पहेलियां पूछें, उन्‍हें नई-नई बातें बताएं, कहानियां सुनाएं। ऐसा करके बच्‍चे फोन से खुद ब खुद दूर हो जाएंगे। साथ ही ये चीज पेरेंट्स के लिए भी फायदेमंद है।

दोस्‍तों और खिलौनों का साथ दें

बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने दें। वहीं उन्‍हें खिलौने लाकर दें तो इस बात का ध्‍यान रखें कि ये खिलौने उनकी उम्र के हिसाब से हों। कई बार उम्र से छोटे या बड़े खिलौनों के साथ बच्‍चे खेलना पसंद नहीं करते।

बच्‍चों को छोटी-छोटी जिम्‍मेदारियां दें

बच्चों के साथ समय बिताने के साथ ही उनसे बातें तो करें ही उन्हें घर के छोटे-मोटे कामों की जिम्‍मेदारियां भी दें। बर्थडे, फंक्‍शन आदि में छोटे-मोटे कुछ स्‍पेशल टास्‍क दें। पौधों में पानी देना, अपना सामान, खिलौने खुद रखना, अपनी अलमारी साफ करना, कुछ डेकोरेट करना आदि भी कराएं।

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