डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) की पहल स्वरूप उद्योगों के लिए पारंपरिक स्टांप पेपर के स्थान पर ग्रीन स्टांप पेपर पंजाब सरकार की एक अनूठी शुरुआत है। यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिससे अधिक पारदर्शिता आई है और भूमि अधिग्रहण में धोखाधड़ी की गुंजाइश खत्म हुई हैं।
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भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक अनुमतियाँ मिलने के बाद ग्रीन स्टांप पेपर जारी होता है, जिस द्वारा उद्योग पंजीकृत बिक्री सेल डीड करने योग्य हो जाते हैं। सौंद ने बताया कि ग्रीन स्टांप पेपर और उद्योगों की उन्नति व समृद्धि के प्रति पंजाब सरकार (Punjab Govt) की संजीदगी और सद्भावना के चलते, मार्च 2022 से अब तक लगभग 3 वर्षों में 94,203 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा
इससे 4 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। सौंद ने अन्य उद्योगपतियों को भी पंजाब में निवेश करने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की उद्योग-हितैषी नीतियों के कारण बड़े-बड़े औद्योगिक घराने यहां अपनी इकाइयाँ स्थापित करने में रुचि दिखा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि निवेश के लिए पंजाब का माहौल अनुकूल, सुविधाजनक और शांतिपूर्ण है तथा राज्य सरकार उद्योगों के विकास के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की नीतियाँ उद्योग-हितैषी हैं और छोटे एवं मध्यम उद्योगपति मात्र एक शपथ पत्र देकर आज ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज़ी प्रक्रिया 3 वर्षों के भीतर पूरी की जा सकती है।
कानूनी दस्तावेजों की प्रोसेसिंग तेज़ हो गई
उद्योग, वाणिज्य और निवेश प्रोत्साहन मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद (Tarunpreet Singh Sond) ने बताया कि ग्रीन स्टांप पेपर की इस पहल से उद्योगपतियों के लिए कानूनी दस्तावेजों की प्रोसेसिंग तेज़ हो गई है। सबसे अहम सब कुछ ऑनलाइन होने स्वरूप लोगों के काम आसानी से एवं जवाबदेही से हो जाते हैं।
सौंद ने बताया कि ग्रीन स्टांप पेपर के माध्यम से उद्योगों को नियामक स्वीकृतियाँ तेज़ी से जारी करने को सुनिश्चित किया जाता है। छह विभागों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से पूर्व-स्वीकृतियाँ दी जाती हैं। ये विभाग हैं- राजस्व, आवास और शहरी विकास, स्थानीय निकाय, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन एवं वन्य जीव तथा श्रम और फैक्ट्रियाँ।