डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: Nagar Nigam Chunav – जालंधर नगर निगम चुनाव (Municipal Corporation Election) में पूरी ताकत लगाने के बाद भी आम आदमी पार्टी (AAP) बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी। खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann), उनके तीन कैबिनेट मंत्री के धुंआधार प्रचार के बाद भी AAP को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दे दी। पूरी ताकत के बाद भी AAP बहुमत के 43 पार्षदों के आंकड़े से 5 सीट पीछे रह गई।
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जालंधर (Jalandhar) के 85 वार्डों में हुए चुनाव में बहुमत का आंकड़ा 43 था। आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 38 सीटें मिलीं। लेकिन AAP भी बहुमत नहीं पा सकी। इसके बाद 25 पार्षद के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। वहीं, तीसरे नंबर पर बीजेपी रही, जिसके 19 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। अब जालंधर में बैसाखी वाला मेयर चुना जाएगा।
50.27 फीसदी वोट पड़े
शहर के कुल 85 वार्डों में चुनाव हुए, जिसमें सिर्फ 50.27 फीसदी वोट पड़े। यह वोट प्रतिशत पिछले चुनाव से करीब 11 फीसदी कम है। खास बात यह रही कि आम आदमी पार्टी से टिकट न मिलने से नाराज तरसेम सिंह लखोत्रा ने निर्दलीय चुनाव जीत लिया। ऐसे में अब आप लखोत्रा को आम आदमी पार्टी में शामिल करना चाहेगी। क्योंकि फिलहाल आम आदमी पार्टी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है।
आप को यह नुकसान इसलिए भी हुआ, क्योंकि आप के दर्जनों पूर्व नेताओं ने पार्षद चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी। लेकिन बाद में उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके चलते आप को भी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, उन्होंने या तो निर्दलीय चुनाव लड़ा या फिर आप के वोट काटे। जिसके कारण आप को भारी नुकसान हुआ और वह बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई।
मोहिंदर भगत बने जिताऊ
अगर जालंधर नगर निगम चुनाव को शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों के संदर्भ में देखा जाए तो जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत के अलावा किसी भी पार्टी का कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की सीट नहीं बचा पाया। भगत के विधानसभा क्षेत्र में कुल 24 वार्ड हैं, जिनमें से आप ने 10 और भाजपा ने 8 सीटें जीतीं।
दूसरी ओर, जालंधर कैंट में कांग्रेस के विधायक परगट सिंह हैं। जहां कांग्रेस को सिर्फ 4 सीटों पर बढ़त मिली और आम आदमी पार्टी ने 8 सीटें जीतीं। इसी तरह, जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में कुल 23 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं।
सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा हैं। जो सिर्फ 9 सीटें जीत पाए। अंत में, जालंधर नॉर्थ में आम आदमी पार्टी ने कुल 11 सीटें जीतीं। नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक बावा हेनरी हैं। जो अपने क्षेत्र में सिर्फ 7 सीटें ही जीत पाए।
बहुमत के लिए दूसरे पर निर्भर
आप को बहुमत के लिए फिलहाल करीब 5 और नेताओं की जरूरत है। ऐसे में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों और विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ेगा। विपक्ष समर्थन के लिए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद मांग सकता है। इसके बाद ही आप अपना मेयर बना पाएगी। फिलहाल 38 सीटें जीतने वाली आप के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों को मनाने में जुटे हैं।
राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान, पंजाब आप प्रमुख और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंत्री मोहिंदर भगत ने शहर के हर हलके में प्रचार किया और शहर की जनता से कई वादे किए। लेकिन जब नतीजे आए तो हालात कुछ और ही थे।
सीएम और उनके मंत्री का नहीं चला जादू
सीएम मान, मंत्री अरोड़ा, ईटीओ और भगत मिलकर भी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। जिसके चलते अब मेयर चुनने के लिए विपक्ष की जरूरत पड़ गई है। हालांकि मोहिंदर भगत अपने हलके में 10 सीटें जीतने में कामयाब रहे।
आम आदमी पार्टी में मेयर बनने की चाह में शामिल हुए तीन प्रमुख नेता पार्षद तक नहीं बन पाए। सबसे पहला नाम इसमें कांग्रेस के मेयर रहे जगजीत राज राजा और उनकी पत्नी का है। जालंधर सेंट्रल हलके से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजिंदर बेरी से विवाद को लेकर राजा ने अपनी पत्नी के साथ आदमी पार्टी जॉइन कर ली थी।
राजा-रानी और बंटी भी हारे
राजा का लगभग मेयर बनना तय था। मगर वह अपनी पार्षदी तक नहीं बचा पाए। ऐसे ही हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने भी किया था। बंटी मेयर पद के प्रबल दावेदार थे। जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। वार्ड-44 से चुनाव लड़े और हार गए।