डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: Jalandhar Municipal Corporation Additional Commissioner Blind IAS Ankurjeet Singh Take Charge- जालंधर नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) के नए एडिशनल कमिश्नर (Additional Commissioner ) आईएएस अफसर अंकुरजीत सिंह (IAS Ankurjeet Singh) नेत्रहीन है। वे देख नहीं सकते हैं। आज उन्होंने नगर निगम पहुंच कर चार्ज संभाल लिया। अंकुरजीत सिंह मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले हैं।
यह भी पढ़ें: पत्नी संग कम खर्च में बाली घूमने का शानदार मौका, जानें कितना खर्च होगा
पंजाब सरकार ने बीते दिनों राज्य में 142 आईएएस और पीसीएस अफसरों का तबादला किया था। बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल में जालंधर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर अरमजीत बैंस का तबादला कर दिया गया। उनकी जगह नेत्रहीन आईएएस अफसर अंकुरजीत सिंह को तैनात किया गया है।
स्कूल से ही आंखों की रोशनी चली गई
जानकारी के मुताबिक हरियाणा के मध्यम वर्ग के परिवार से संबंध रखने वाले अंकुरजीत सिंह देख नहीं सकते। अंकुर शुरू से ही नेत्रहीन नहीं थे, बल्कि स्कूल में दाखिले के बाद उन्हें आंखों से कम दिखाई देने लगा। उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब उन्हें क्लास में बैठकर ब्लैकबोर्ड कम नजर आया। तब उनकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे वह खोने लगे थे।
जिसके बाद उन्हें एक दम से दिखना बंद हो गया था। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और भगवान द्वारा दी गई परिस्थिति से लड़े, जिसका नतीजा ये रहा कि वह आईएएस अधिकारी बने और अपने परिवार वह जिले का नाम रोशन किया।
जेईई की परीक्षा
अंकुरजीत सिंह हरियाणा के यमुनानगर के गांव रसूलपुर से संबंध रखते हैं। वहीं पर उन्होंने सरकारी स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। 11वीं और 12वीं अंकुरजीत ने डिस्ट्री हैडक्वार्टर्स में स्थित स्कूल से की। रोजाना स्कूल जाने के लिए अंकुरजीत करीब 40 किलोमीटर का सफर तय करते थे।
एक इंटरव्यू में अंकुरजीत ने कहा था कि उन्हें आईएएस, आईपीएस जैसे बड़ी परीक्षाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी इंरटव्यू के दौरान अंकुर ने कहा- मेरी 12वीं की परीक्षा के दौरान कुछ लोग हमारे स्कूल आए और उन्होंने भारत की इन परीक्षाओं के बारे में बताया।
दाखिले के लिए मोटिवेट
मेरी एक अध्यापक ने मुझे आईआईटी में दाखिले के लिए मोटिवेट किया, जिसके बाद मैंने उन्हें मना कर दिया कि मैं ये परीक्षा नहीं दे सका। मगर उनकी कोशिश के बाद मैं मान गया कि मैं जेईई तैयारी करूंगा। मैंने परीक्षा दी और मेरी आईआईटी में सलेक्शन हो गया। परीक्षा क्रैक करने के बाद मुझे लगा कि मैं कुछ भी कर सकता हूं।
मां हरियाणा सरकार में कार्यरत थीं
आपको बता दें कि अंकुरजीत की मां सरकार के कार्यरत थीं। सरकारी नौकरी के दौरान अंकुरजीत की मां के विभाग में कुछ उच्च अधिकारी आए थे, जोकि आईएएस अधिकारी थे। उनके द्वारा बच्चों को पढ़ाई और यूपीएससी के लिए मोटिवेट किया जा रहा था। इस दौरान मुझे वहां स बहुत प्रेरणा मिली।
जिसके बाद अंकुरजीत ने अपने चार दोस्तों के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की। सभी ने एक साथ सलाह बनाकर एक दूसरे के साथ मिल तैयारी शुरू कर दी। सभी एक साथ इंजिनरिंग के साथ साथ तैयारी कर रहे थे। अंकुरजीत के दोस्तों ने हमेशा उसका साथ दिया।
तीसरे अटेंपट में क्लियर की परीक्षा
अंकुरजीत के तीन दोस्तों ने तीसरे और एक दूसरे अटेंपट में यूपीएसी की परीक्षा क्लियर की। 27 अप्रैल 2017 को यूपीएससी का जब रिजल्ट आया तो अंकुरजीत के दोस्त ने ही उसे फोन कर बताया कि उसने यूपीएससी क्लियर कर लिया है।
अंकुरजीत ने माता पिता को बताया तो सभी बहुत खुश हुए। अंकुर ने कहा- मैंने अपने एग्जाम किसी और से लिखवाएं। मुझे डर लग रहा था पहले, मगर फिर मैंने हार नहीं माना। अंकुर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी को अपना आदर्श मानते हैं।
ऐसे की UPSC की तैयारी
अंकुरजीत ने UPSC की तैयारी टेक्नोलॉजी और दोस्तों की मदद से पूरी की। दरअसल आईआईटी ने उन्हें टेक्नॉलॉजी के काफी करीब ला दिया था, जहां कहीं उन्हें पढ़ने-समझने में समस्या होती थी तो वह स्क्रीन रीडर की मदद से किताबें पढ़ने लगे। इसके अलावा भी अगर वे कहीं फंसते थे तो वे दोस्तों से मदद लेते थे।
आखिरकार अंकुरजीत की मेहनत रंग लाई और साल 2017 में उन्हें UPSC की परीक्षा में सफलता मिल गई। बीटेक की पढ़ाई के दौरान भी अंकुर ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन तब वे इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाए थे, लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में ही एग्जाम में 414वीं रैंक हासिल कर ली।