डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर के 50 से ज्यादा नामी अस्पताल शहर के लोगों को बीमार कर रहे हैं। चंद रुपए बचाने के लिए करोड़ों रुपए कमाने वाले इन अस्पताल के मालिकों ने आधे शहर को गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल दिया है। इसका खुलासा आरटीआई में मांगे गए दस्तावेजों के जवाब से हुआ है। इन अस्पतालों को PPCB ने नोटिस भेजा है।
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दरअसल, शहर के 50 बड़े अस्पताल, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) के प्रमाण पत्र के बिना ही चल रहे हैं। इन अस्पतालों के पास कोई पाल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है, जिससे ये अपना सारा बायोमेडिकल वेस्ट कचरे में फेंक रहे हैं। ये कचरा लोगों को बीमार कर रहा है।
खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है बायो मेडिकल वेस्ट
जालंधर के ज्यादातर अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित प्रबंधन व निष्पादन नहीं किया जाता। उनको खुले मैदान में आम कचरे के साथ फेंक लोगों को बीमार किया जा रहा है। बायो मेडिकल कचरा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत खतरनाक है। इससे न केवल बीमारियां फैलती है बल्कि जल, थल एवं वायु सभी दूषित होते हैं।
आरटीआई के जवाब में पीपीसीबी का खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने इस संबंध में पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जानकारी मांगी थी। प्रदूषण नियंत्रम बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि जालंधर में 50 से ज्यादा अस्पतालों के पास कोई पाल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रतिदिन इन अस्पतालों से बड़ी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है। ऐसे कचरे से वायरस संक्रमण, एचवाइवी, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां होने का डर बना रहता है।
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शहर के इन अस्पतालों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निष्पादन की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय एजैंसी को सौंपी जाती है, लेकिन इन अस्पताल के मालिकों ने एजैंसी से कोई करार नहीं किया। जिससे इन अस्पताल के मालिकों द्वारा अपने अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंका जा रहा है। पीपीसीबी ने इन अस्पतालों को नोटिस जारी किया है।
इन अस्पतालों को जारी हुआ नोटिस
- करण अस्पताल, आदर्श नगर, कपूरथला रोड
- ढींगरा अस्पताल, दयाल नगर, डा. अंबेडकर चौक (नकोदर चौक)
- कैप स्कैन एंड डायग्नोस्टिक सैंटर, आदर्श नगर, कपूरथला चौक
- नैशनल आई केयर सैंटर, स्पोटर्स कालेज के पास, कपूरथला रोड
- लाजवंती अस्पताल, कूल रोड, जालंधर
- पीएमजी चिल्ड्रन अस्पताल, आदर्श पैलेस के पास, कपूरथला चौक
- आक्सफोर्ड अस्पताल, लाजपत नगर, जालंधर
- श्रीराम न्यूरो सैंटर, लिंक रोड, लाजपत नगर, जालंधर
- सभरवाल अस्पताल, माडल टाउन, जालंधर
- डांग नर्सिंग होम, लिंक रोड, जालंधर
पांच साल कैद और जुर्माने का प्रावधान
मेडिकल कचरे को खुले में फेंकना और जलाना पर्यावरण संरक्षण एक्ट 2016 के तहत अपराध है। दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल या एक लाख तक जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन यह कानून कागज पर है और जमीन पर खुले आम मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है।
संक्रमण का करण बन सकता बायो मेडिकल वेस्ट
डाक्टर कहते हैं कि अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल कचरा खतरनाक है। इस कचरे में कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के उपयोग में लाए गए इंजेक्शन, आइवी सेट व बोतलें आदि होतीं हैं। जरूरत इस बात की है कि मेडिकल वेस्ट का उचित निष्पादन किया जाए। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।