डेली संवाद, जालंधर। PIMS News: स्वस्थ्य जीवन के लिए पोष्टिक भोजन ही नहीं बल्कि अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है। इसी के मद्देनजर पिम्स के मनोरोग विभाग में वर्ल्ड स्लीप डे मनाया गया।
इस अवसर पर मनोरोग विभाग के डॉ. दीपाली गुल और राजिंदर मागो ने बताया कि जीवन में नींद के महत्व को समझने के लिए हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है , उसमें शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो अपनी नींद पूरी कर पाता है।
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पूरी नींद लेने से व्यक्ति का ब्रेन सही तरीके से काम करता है। वहीं अगर नींद पूरी न हो तो स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा आता है और हमेशा थकान सी रहती है। अधूरी नींद जीवन में स्ट्रेस लाती है। स्ट्रैस से आगे कई बिमारियां होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए डाक्टरों का मानना है कि लोगों को कम से कम आठ घंटे जरूर सोना चाहिए।
उन्होंने आगे जानकारी दी कि वर्ल्ड स्लीप सोसायटी ने इस दिन को मनाने की शुरूआत 2008 में की थी। उनका मकसद उन लोगों की मदद करना था, जो गंभीर रूप से नींद आ आने की परेशानियों से जूझ रहे हैं। पर्याप्त नींद आने के डाक्टरों ने कुछ टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो सोने से दो घंटे पहले आपना खाना खा लें।
सोने का समय निर्धारित करें
चिकनाई युक्त भोजन और चाय औऱ काफी का सोने से पहले परहेज करें। इसके बाद आप कुछ न खाएं। सोने के समय कमरे की लाइट बंद कर दें। सोने के आप लाइट म्यूजिक का सहारा ले सकते हैं। सोने के लिए आरामदायक बिस्तर का चयन करें। सोने से पहले कोई अच्छी किताब भी आप पढ़ सकते हैं। इसके अलावा सोने का अपना समय निर्धारित करें।
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इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने बताया कि इस साल का थीम है स्लीप इक्यूटी फोर ग्लोबल हेल्थ, जिसका मतलब है कि नींद स्वस्थ्य रहने के लिए कितनी जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि भागदौड़ की जिंदगी में अपने आप के लिए समय आवश्य निकाले। स्ट्रेस कम लें।
उन्होंने कहा कि पिम्स में एक छत की नीचे लोगों सारी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है। जिसका लोग लाभ भी ले रहे हैं। इस अवसर पर पिम्स के मेडिकल सुरिटेंडेंट डॉ. पुनीत खुराना, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट राजिंदर नंदा, मेडिसन विभाग के प्रमुख डॉ. एन.एस नेकी भी मौजूद थे।