Study In Abroad: पिछले कुछ वर्षों में भारतीय छात्रों के बीच विदेशों में पढ़ाई करने का क्रेज़ तेज़ी से बढ़ा है। लेकिन हाल ही में कई देशों ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कड़े नियम लागू किए हैं, जिससे विदेशों में पढ़ाई करना भारतीय छात्रों के लिए मुश्किल हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन-किन देशों में यह नियम लागू किए गए हैं और इनके पीछे क्या कारण हैं।
Study In Abroad : Australia
ऑस्ट्रेलिया ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कुछ मुश्किल कदम उठाए हैं। ‘news.com.au’ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में 20,000 की कटौती करने जा रहा है। इसके अलावा, स्टूडेंट वीजा की फीस भी दोगुनी कर दी गई है, जो अब $454 (लगभग Rs. 38,109) से बढ़कर $1,085 (लगभग Rs 91,077) हो गई है। नए नियमों के तहत, ऑस्ट्रेलिया में दाखिला लेने के लिए छात्रों को अपनी सेविंग्स की सीमा 13.94 लाख से बढ़ाकर 16.91 लाख दिखानी होगी। इन कदमों का उद्देश्य देश में छात्रों की संख्या को काबू करना और स्थानीय संसाधनों पर दबाव को कम करना है।
United Kingdom (UK)
UK ने भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कई नए नियम लागू किए हैं, जो 2024 से असर होंगे। जनवरी 2024 से, यूके में पढ़ाई कर रहे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अपने परिवार को साथ लाने पर रोक रहेगी। इसके अलावा, डिग्री कोर्स के छात्रों को पढ़ाई खत्म होने तक स्टूडेंट वीजा को वर्क वीजा में बदलने की अनुमति नहीं होगी। इन बदलावों का उद्देश्य यूके में इमिग्रेशन सिस्टम को स्थिर करना और किसी भी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी से बचाना है।
New Zealand
न्यूजीलैंड ने भी ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर स्टूडेंट वीजा की फीस में बढ़ोतरी की है। ‘Economic Times’ की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से न्यूजीलैंड में स्टूडेंट वीजा की कीमत 19,500 से बढ़ाकर 39,000 कर दी गई है। Immigration Minister Erica Stafford के अनुसार, यह फैसला देशभर में इमिग्रेशन सिस्टम को बैलेंस करने के लिए लिया गया है, ताकि छात्रों की बढ़ती संख्या से संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके।
Canada
कनाडा में भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने साल 2024 में मात्र 3,60,000 स्टडी परमिट देने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही कनाडाई सरकार ने 21 जून से फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए Post Graduation Work Permit (PGWP) के आवेदन को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सरकार का मानना है कि छात्रों की बढ़ती संख्या ने देश के हेल्थकेयर, हाउसिंग और दूसरे सेवाओं पर दबाव डाला है।
Poland
पोलैंड ने भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए अपने नियम सख्त कर दिए हैं। ‘Economic Times’ के मुताबिक, पोलैंड में कुछ विदेशी छात्र वीजा लेकर वहां नौकरी करने लगे थे। इसके चलते, अब बिना हाई स्कूल डिप्लोमा वाले छात्रों को स्टूडेंट वीजा नहीं दिया जाएगा। वीजा गलत यूज को रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं, ताकि छात्र सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से ही पोलैंड आएं।