डेली संवाद, अमृतसर। Farmer Protest: पंजाब में किसानों का प्रदर्शन है। दरअसल, अमृतसर (Amritsar) में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने सड़कों पर धान (Basmati) फेंककर प्रदर्शन किया। किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में धान लेकर DC ऑफिस (DC Office) में पहुंचे थे। यहां उन्होंने पहले अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।
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उसके बाद उन्होंने ऑफिस के बाहर सड़क पर धान फेंकनी शुरू कर दी। इसके बाद धान फेंकते हुए अमृतसर के भंडारी पुल तक गए। उन्होंने करीब साढ़े 3 किलोमीटर एरिया तक धान फेंकी।
उनका कहना था कि प्राइवेट कंपनियां किसानों से सस्ते में चावल खरीद रही हैं। इसके बाद महंगी दरों पर चावल को बाजार में बेचा जा रहा है। सस्ती खरीद से हर किसान को प्रति एकड़ 25 से 30 हजार तक नुकसान हुआ।
चावल की सही तरीके से खरीद नहीं की
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि फसलों की खरीद के लिए गारंटी कानून की मांग क्यों हो रही है, इसका एक मुख्य कारण यह है कि इस सीजन में बासमती की किस्म 1509 और 1692 अनियमित तरीके से खरीदी गई। किसानों को लूटा गया। इस पर विपक्ष भी कुछ नहीं बोल रहा।
किसानों को किया जा रहा गुमराह
उन्होंने कहा कि कृषि को बाजार अर्थव्यवस्था से जोड़ने को अच्छा कदम बताकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बार किसानों की बासमती को प्राइवेट खरीददारों द्वारा आधी कीमत पर लूटने की पोल खुल गई है।
प्रति एकड़ 25-30 हजार का घाटा
आज की तारीख में बासमती का रेट 2000 से 2400 तक है, जबकि पिछले साल इसी फसल का रेट 3500-4000 रुपए के बीच था। जिसके चलते हर किसान को प्रति एकड़ 25 से 30 हजार का सीधा नुकसान हुआ। कुछ किसानों की बासमती तो 1700 रुपए में भी खरीदी गई।
पंजाब सरकार ने घाटा पूरा करने की बात कही थी
उन्होंने कहा कि इस तरह आज उत्पादक को सस्ती कीमत देकर लूट लिया गया है, लेकिन बाजार में लोगों को बासमती चावल ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। इस बार पंजाब सरकार ने दावा किया था कि अगर बासमती का रेट 3200 रुपए से कम किया गया तो वह इस घाटे को पूरा कर देगी, लेकिन ऐसी स्थिति में पंजाब सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया जा रहा है।