डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: हर स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी अथक प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में मुहिम को और तेज़ करते हुए पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ( Punjab Vigilance Bureau) द्वारा अप्रैल महीने के दौरान रिश्वतखोरी के 22 मामलों में 23 सरकारी कर्मचारियों और 11 आम व्यक्तियों सहित 34 व्यक्तियों को जाल बिछाकर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया गया।
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विजिलेंस ब्यूरो ( Punjab Vigilance Bureau) के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो-टॉलरेंस नीति के तहत काम करते हुए विजिलेंस ब्यूरो द्वारा सरकारी दफ्तरों से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए बिना किसी ढील के सक्रिय कार्रवाई जारी है।
उन्होंने कहा कि इस मुहिम का उद्देश्य सिर्फ कार्रवाई तक ही सीमित नहीं, बल्कि भ्रष्ट गतिविधियों के विरुद्ध एक मज़बूत प्रणाली स्थापित करना है।
गहराई से जांच के निर्देश
उन्होंने आगे बताया कि इसी अवधि के दौरान विजिलेंस ब्यूरो ने विभिन्न अदालतों में 12 चालान दायर किए और 34 मुलज़िमों के खिलाफ 20 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं जिनमें 18 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा एक अलग मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों की गहराई से जांच के लिए विजिलेंस पड़ताल के भी निर्देश दिए गए हैं।
विजिलेंस ब्यूरो की कानूनी सफलताओं को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा विभिन्न अदालतों में लड़े गए रिश्वतखोरी के तीन मामलों में विभिन्न अदालतों द्वारा तीन मुलज़िमों को चार से पांच साल तक की कैद की सजा के साथ-साथ 10,000 से 35,000 रुपये तक के जुर्माने भी लगाए गए।
शिकायतें दर्ज करवाने की सुविधा दी
प्रवक्ता ने सरकारी तंत्र को हर तरफ से भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो के दृढ़ इरादे को दोहराया और नागरिकों से इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार के मामलों की सूचना देने के लिए लोगों को 95012-00200 पर व्हाट्सएप के माध्यम से मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर सीधे शिकायतें दर्ज करवाने की सुविधा दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि यह पहल जनता को शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भागीदार बनने का अधिकार देती है।