डेली संवाद, लखनऊ। Bogus Billing: उत्तर प्रदेश के नोएडा में हुए 14,000 करोड़ की बोगस बिलिंग और टैक्स चोरी में बड़ा खुलासा हुआ है। सैंट्रल जीएसटी और यूपी एसटीएफ के साथ साथ अब इसकी जांच ईडी ने भी शुरू कर दी है। तीनों जांच एजैंसियों को अब तक 300 फर्जी कंपनियों के बारे में पता चला है। इन कंपनियों के मालिक पंजाब, मुंबई, दिल्ली, यूपी के हैं। इनके तार राजनीतिक रूप से भी काफी गहरे जुड़े हुए हैं।
फर्जी बिलों के जरिए जीएसटी चोरी के मामले में कई बोगस कंपनियों के संचालकों की जांच ईडी भी कर रही है। इस मामले में समाज विकास क्रांति पार्टी, मुंबई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी शीला सिंह के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल करने के बाद ईडी 300 बोगस कंपनियों के माध्यम से जारी फर्जी बिलों की जांच को आगे बढ़ा रही है।
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आशंका है कि अशोक सिंह ने लगभग दो हजार करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार किए थे। ईडी ने फर्जी बिलों के जरिए 65 करोड़ रुपये जीएसटी रिटर्न हासिल करने के मामले में आरोपित जौनपुर निवासी अशोक कुमार सिंह की तीन सौ बोगस कंपनियों में शामिल रहे अन्य लोगों का ब्योरा जुटाना शुरू किया है।
बोगस कंपनियों के जरिए 334 करोड़ रुपये के कारोबार के फर्जी बिल तैयार किए गए थे और 65 करोड़ रुपये का जीएसटी रिटर्न भी हासिल किया गया था। वर्ष 2021 में जीएसटी मुंबई ने अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद ईडी ने मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच आरंभ की थी।
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जांच में सामने आया कि कई बोगस कंपनियों के आफिस एक ही पते पर पंजीकृत है। फर्जी बिलों के माध्यम से एक कंपनी से खरीदे गए सामान को कुछ मुनाफे पर दूसरी कंपनी को बेचा जाना दर्शाया गया था। आरोपित अशोक कुमार सिंह वर्ष 2019 में जौनपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। अशोक सिंह मुंबई में कारोबार करने का दावा करता था।
अब नोएडा में हुए 14000 करोड़ की बोगस बिलिंग में इनसे भी पूछताछ की जा रही है। पंजाब के जालंधर, अमृतसर, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ के कई कारोबारी इस पूरे खेल में शामिल हैं। लुधियाना से दो लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है। जबकि जालंधर के कुछ स्क्रैप कारोबारी के नाम इसमें आ रहे हैं।