डेली संवाद, जालंधर। Jalandahr News: आज देखने में आ रहा है कि कुछ लोग हर समय ‘संविधान संविधान’ की रट लगाए हुए हैं, बचपन में हमने एक शिकारी की कहानी सुनी है जिसमें जाल में फंसे पक्षी गीत गाते रहते हैं–शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, हमें फंसाएगा, हम नहीं फंसेंगे’ पर वे जाल में फंसते भी जाते हैं।
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यहां तक कि जब शिकारी उनको जाल में फंसाकर ले जा रहा होता है, तब भी वे पक्षी यही गीत गाते रहते हैं। संविधान की रट उसी कहानी की याद दिलाता है। विद्या भारती, पंजाब के संपर्क विभाग द्वारा ‘नागरिक कर्तव्य –आज का युगधर्म’ विषय पर 14 जुलाई को एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन विद्या धाम में किया गया।
हमारा संविधान हमारे लिए गीता, गुरुवाणी व बाईबल है
इस गोष्ठी में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री और शिक्षा क्षेत्र के मौलिक चिंतक श्री विजय नड्डा जी द्वारा किए गए मार्गदर्शन में ये शब्द कहे गए। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का मन, वचन और कर्म से सम्मान व पालन करना हम सभी का मौलिक कर्तव्य है। हमारा संविधान हमारे लिए गीता, गुरुवाणी व बाईबल है।
इससे पूर्व हरियाणा पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक और इस विचार गोष्ठी के अध्यक्ष डा. आर.पी.सिंह (आई.पी.एस.) ने विद्या भारती की भूरि भूरि प्रंशसा करते हुए कहा – विद्या भारती एक अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान है जिसके विद्या मंदिरों में छात्रों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ देशभक्ति के संस्कार भी दिए जाते हैं।
‘कास्ट व क्लास लेस समाज’ के निर्माण पर बल
विद्या भारती के छात्र जीवन के विविध क्षेत्रों में सफलता के झंडे फहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्या मंदिरों में सभी मत संप्रदायों के छात्र समान रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। डा. आर.पी.सिंह ने बहुत स्पष्ट रूप से बताया कि ‘श्री गुरुवाणी’ में पर्यावरण संरक्षण और ‘कास्ट व क्लास लेस समाज’ के निर्माण पर बल दिया गया है। हम सबको भी ऐसे ही समाज की रचना करनी है।
विद्या धाम के खचाखच भरे डा.भीमराव अंबेडकर सभागार की इस विचार गोष्ठी का आरंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। डा.अखिलेश्वर सिंह अरोड़ा ने सरस्वती वंदना मधुर स्वर में प्रस्तुत की। विनोद फकीरा और कुमारी आरती ने देशभक्ति के गीत पेश किए।
मंच संचालन एडवोकेट मोहित भारद्वाज ने किया
मंच संचालन एडवोकेट मोहित भारद्वाज ने किया जबकि अतिथियों का परिचय पी.टी.यू. की डिप्टी रजिस्ट्रार डा. नित्या करवाया। सबसे अंत संपर्क विभाग प्रमुख सुखदेव वशिष्ठ ने संपर्क विभाग का वृत्त प्रस्तुत किया और सुरेंद्र कुमार ने आए हुए विद्वानों को धन्यवाद कहा। इस गोष्ठी में विशेष अतिथि दिल्ली के अशोक पाल के साथ साथ जलंधर से राजेंद्र कुमार, ठाकुर विजय, सोमेश लूथरा, डा.राहुल और अनेक गणमान्य विद्वान उपस्थित रहे।