डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में अपने आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) या डायल 112 को अपग्रेड करने के लिए 178 करोड़ रुपये आवंटित करने के साथ, पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने आपातकालीन सेवाओं से जुड़े चार प्रमुख विभागों – पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन और आपदा प्रबंधन को एकीकृत प्रतिक्रिया नेटवर्क में जोड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
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इसका लक्ष्य आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को 25 मिनट से घटाकर 8 मिनट करना और एक नया राष्ट्रीय मानक स्थापित करना है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘बदलता पंजाब’ बजट में पंजाब सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों के बेड़े के विस्तार और जिला नियंत्रण कक्षों के उन्नयन के लिए 125 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि ‘डायल 112’ हेल्पलाइन के नए मुख्यालय के निर्माण के लिए 53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

आपातकालीन कॉल संबंधित सेवाओं को भेजी जाएंगी
ईआरएसएस की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा तेजी से लागू की जा रही यह व्यापक सुधार प्रणाली तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। इनमें पहला तकनीकी एकीकरण के माध्यम से विभागों के बीच निर्बाध समन्वय स्थापित करना है, जहां डायल-112 पर आने वाली सभी आपातकालीन कॉल संबंधित सेवाओं को भेजी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के तहत पंजाब पुलिस 758 चार-पहिया और 916 दो-पहिया वाहनों के साथ आपातकालीन वाहनों के बेड़े का बड़े पैमाने पर विस्तार कर रही है। पहले चरण के तहत जून 2025 तक 300 वाहन आपातकालीन सेवाओं में तैनात हो जाएंगे। वर्तमान में, पंजाब पुलिस 258 समर्पित ईआरवी के बेड़े के साथ सेवाएं प्रदान कर रही है, जिससे आपातकालीन कॉल का प्रतिक्रिया समय 25 मिनट तक पहुंच जाता है।
25 मिनट तक पहुंच जाता
उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के तहत पंजाब पुलिस अत्याधुनिक डायल 112 हेल्पलाइन मुख्यालय के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें एआई-संचालित कॉल विश्लेषण, जीआईएस ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डिस्पैच क्षमताएं जैसी उन्नत तकनीकें शामिल होंगी। उन्होंने आगे बताया कि इस भवन का निर्माण 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
डीजीपी ने कहा कि यह पहल एक केंद्रीकृत कमांड संरचना स्थापित करेगी, जहां डायल 112 के माध्यम से सभी आपातकालीन कॉल स्वतः ही संबंधित विभागों – चिकित्सा आपातकालीन (108), अग्निशमन (101) या आपदा प्रबंधन (1070) को स्थानांतरित हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक आपातकालीन सेवा के लिए नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे कार्य करने वाले समर्पित कार्यस्थल होंगे।

मामले दर्ज
स्पेशल डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला, जो कि कमेटी के सदस्य भी हैं, ने डीजीपी को जानकारी दी कि आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को बेहतर बनाने के लिए हाल ही में ईआरवी को 165 नए स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक ईआरवी में पहले से ही मोबाइल डेटा टर्मिनल (एमडीटी) लगा हुआ है और अब डुअल-सिम वाले नए स्मार्टफोन नेटवर्क फेल होने की स्थिति में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे। स्पेशल डीजीपी ने बताया कि डायल 112 पर अब तक 2.34 करोड़ से अधिक कॉल्स सुनी जा चुकी हैं और लगभग 20.05 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं।


