डेली संवाद, पेरिस | Paris Olympics 2024: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2021 में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था, पेरिस ओलंपिक 2024 में एक बार फिर से देश का नाम ऊंचा करने के इरादे से मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। नीरज चोपड़ा पेरिस पहुंच चुके हैं और खेल गांव में उनके आगमन ने भारतीय खेल प्रशंसकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।
यह भी पढ़ें: Paris Olympics 2024: पांचवे दिन भारतीय खिलाड़ियों की चुनौती, जानिए पूरा शेड्यूल
Paris Olympics में नीरज का आगमन
नीरज चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर पेरिस ओलंपिक विलेज पहुंचने की जानकारी देते हुए अपनी तस्वीरें साझा कीं और लिखा, “नमस्कार पेरिस! अंतत: पेरिस ओलंपिक विलेज में पहुंचकर बेहद उत्साहित हूं।” इस पोस्ट के बाद उनके प्रशंसकों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई कि नीरज कब अपने दमदार प्रदर्शन से फिर से देश को गौरवान्वित करेंगे।
नीरज चोपड़ा का Paris Olympics 2024 का शेड्यूल
नीरज चोपड़ा 6 अगस्त, 2024 को पुरुषों की जैवलिन थ्रो स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड में अपनी चुनौती पेश करेंगे। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार दोपहर 1:50 बजे शुरू होगा। नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें टिकी होंगी क्योंकि यह मुकाबला उनके स्वर्ण पदक की दिशा में पहला कदम होगा। अगर नीरज इस क्वालीफिकेशन राउंड में सफल होते हैं, तो वे 8 अगस्त, 2024 को होने वाले फाइनल में भाग लेंगे, जो भारतीय समयानुसार देर रात 11:55 बजे शुरू होगा।
नीरज चोपड़ा के जैवलिन थ्रो मुकाबलों को लाइव देखने के लिए भारतीय प्रशंसक जियो सिनेमा ऐप का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, स्पोर्ट्स 18 चैनल और दूरदर्शन के स्पोर्ट्स चैनल पर भी इन मुकाबलों का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
90 मीटर का बैरियर पार करने का लक्ष्य
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 में उन्होंने 88.13 मीटर और 2023 में 88.17 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर पदक जीते। साल 2023 के एशियाई खेलों में नीरज ने 88.88 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता था। अब पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज का लक्ष्य 90 मीटर के बैरियर को पार करना है।
नीरज का ऐतिहासिक मौका
अगर नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में सफल होते हैं, तो वह लगातार दो ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन जाएंगे। यह उपलब्धि न केवल नीरज के करियर के लिए बल्कि भारतीय खेल इतिहास के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी।