डेली संवाद, चंडीगढ़। Bitcoin Halving: अभी कुछ महीनों से दुनिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में लगातार तेजी दिख रही थी। मार्च में यह अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर भी पहुंच गई थी, जो 71,263.78 डॉलर है।
लेकिन, अब पिछले कुछ दिनों से बिटकॉइन में लगातार गिरावट आ रही है। यह एक महीने में करीब 6 प्रतिशत गिरकर 64,014.40 डॉलर के स्तर पर आ गया है। इसकी बड़ी वजह इजरायल और ईरान संघर्ष की वजह से बढ़ते वैश्विक संकट को बताया जा रहा है।
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हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी एक्सपर्ट का मानना है कि बिटकॉइन हाविंग इवेंट के बाद इसकी कीमतों में दोबारा जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है। इसे सिक्के या नोट की तरह फिजिकल रूप में नहीं छापा जाता। यह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर होती है।
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यह टेक्निकल कंप्यूटर प्रोसेस से बनती है, जिसे कहते हैं माइनिंग। और जो लोग ये माइनिंग करके बिटकॉइन निकालते हैं, उन्हें कहा जाता है ‘माइनर्स’। अब हाविंग की बात करें, तो इसका बिटकॉइन की मूलभूत ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बदलाव करना है।
इसका मकसद नए बिटकॉइन बनाने की रफ्तार को कम करना है। दरअसल, बिटकॉइन बनाने वाले सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) ने इस डिजिटल करेंसी को खास तरीके से डिजाइन किया है। इसके बस 2.1 करोड़ टोकन की ही माइनिंग की जा सकती है।
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अगर बिटकॉइन की तेजी से माइनिंग होती रही, तो यह काफी जल्दी खत्म हो जाएगा। यही वजह है कि इसकी माइनिंग की रफ्तार को सुस्त करने के लिए हाविंग इवेंट बनाया गया है, जिसके बाद रिवॉर्ड आधा हो जाता है।
बिटकॉइन हाविंग की कोई निश्चित तारीख तो नहीं है। लेकिन यह अमूमन चार साल बाद होती है। अगला इवेंट जल्द होने वाला है। यह बिटकॉइन के इतिहास में चौथा हाविंग इवेंट होगा। 2012 के शुरुआती पड़ाव में रिवॉर्ड 50 से घटकर 25 डॉलर हो गया था।