डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर शहर में अवैध निर्माण करने वाले माफिया अधिकारियों पर भारी पड़े हैं। कई जगहों पर बगैर नक्शे और सीएलयू के कामर्शियल निर्माण करवाने वाले माफिया के आगे निगम के उच्च अधिकारियों ने घुटने टेक दिए हैं। जिससे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने वाले एटीपी सुखदेव वशिष्ठ से चार्ज छीन लिया गया।
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शहर में अवैध निर्माण करवाने वाले बिल़्डरों के दबाव में आकर उच्च अधिकारियों ने न केवल सुखदेव वशिष्ठ से एटीपी का चार्ज छिनवाया, बल्कि उन्हें बिल्डिंग ब्रांच से ही ट्रांसफर करवा दिया। सुखदेव वशिष्ठ को बिल्डिंग ब्रांच से ओएंडएम शाखा में भेज दिया गया है। जबकि बिल्डिंग ब्रांच में टैक्निकल अफसरों की पहले से कमी है।
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आपको बता दें कि सुखदेव वशिष्ठ बिल्डिंग ब्रांच के हेड ड्राफ्टसमैन है। उन्हें साथ में एटीपी का चार्ज भी दिया गया। इस दौरान उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री अवतार हैनरी के करीबी रहे काला बत्रा के अवैध कामर्शियल निर्माण पर डिच चलवाई थी, जिससे उन्हें बत्रा ने जान से मरवाने की भी धमकी दे डाली थी।
पढ़ें ट्रांसफर लेटर
सुखदेव वशिष्ठ ने भाजपा के एक पूर्व विधायक के रिश्तेदार भोला खन्ना की अवैध कामर्शियल निर्माण पर दो बार डिल चलाई। पूर्व विधायक और कांग्रेस के जिला प्रधान राजिंदर बेरी के समर्थकों द्वारा अवैध रूप से बनाई गई दुकानों को कई बार सील किया। इसके साथ ही कांग्रेस नेता मनु वडिंग की अवैध कालोनियों को ढहा दिया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अवैध निर्माण पर एक्शन लेने वाले एटीपी को क्यों हटाया गया। सूत्र बता रहे हैं कि अवैध कालोनी काटने वाले और अवैध कामर्शियल बिल्डिंग बनाने वाले के लिए एटीपी सुखदेव वशिष्ठ खतरा बन गए थे। वहीं, सुखदेव के कारण बिल्डिंग ब्रांच के उच्च अधिकारियों की ऊपरी कमाई भी बंद हो गई थी। जिससे उच्च अधिकारियों ने यह कदम उठाया।